Maa Baap nahi rahenge to kya hoga
"माँ-बाप नहीं रहेंगे तो क्या होगा?"
यह सवाल जितना साधारण लगता है, उतना ही गहरा और भावुक भी है।
जब माँ-बाप नहीं रहेंगे...
घर तो होगा, पर घर जैसा नहीं लगेगा।
वो दरवाज़ा जो हर बार मुस्कान से खुलता था, अब सिर्फ चुप्पी में खुलेगा।
किसी को तुम्हारी फ़िक्र नहीं होगी वैसे जैसे माँ-बाप करते थे।
तुम बीमार हो या परेशान, अब कोई बिना कहे सिर पर हाथ नहीं रखेगा।
हर सफलता अधूरी लगेगी।
जो दो आँखें तुम्हारी हर जीत पर सबसे ज़्यादा चमकती थीं, वो नहीं होंगी।
डाँटने वाला कोई नहीं होगा, लेकिन वो डाँट अब सबसे ज़्यादा याद आएगी।
क्योंकि उसमें प्यार छुपा था, रास्ता दिखाने की चिंता थी।
दुनिया तुम्हें बहुत कुछ सिखाएगी, लेकिन माँ-बाप का सिखाया सबसे सच्चा लगेगा।
माँ-बाप वो नींव हैं, जिन पर हमारी पूरी ज़िंदगी की इमारत खड़ी होती है।
जब वो नहीं रहते, तो लगेगा जैसे जड़ें ही चली गईं।
लेकिन उनका प्यार, उनके संस्कार, और उनकी दुआएं हमें थामे रखेंगी।
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